राजधानी दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में छात्रों गणित में खराब नंबर आने पर टीचर की तंख्वाह काट ली गई। राज्य शिक्षा विभाग ने 9वीं और 10वीं के खराब नतीजे देखते हुए टीचर की सैलरी काटने के आदेश दे दिए। यह मामला साउथ दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश के सरकारी स्कूल का है और खराब रिजल्ट की जिम्मेदार मैथ्स टीचर पम्मी आनंद हैं।
नवभारत टाइम्स के अनुसार 31 अक्टूबर को स्कूल के पास शिक्षा निदेशालय के डायरेक्टर संजय गोयल का आदेश पहुंचा, जिसके जरिए मैथ्स टीचर की सैलरी काटे जाने की बात कही गई। जिन सेक्शनों में पम्मी आनंद गणित पढ़ाती हैं, उनमें बच्चों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने पर नतीजा शून्य रहा। भेजे गए लेटर के मुताबिक, ‘टीचर ने उम्मीद के मुताबिक परफॉर्म नहीं किया, बच्चों के भविष्य को लेकर कोई चिंता नहीं दिखाई और उनके लिए कोई इनिशेटिव नहीं लिया।’ डीओई के मुताबिक, टीचर के परफॉर्मैंस को ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में रखा जा सकता है। प्री बोर्ड और पीरियॉडिकिल रिजल्ट्स की बात करें को क्लास 10 में यह 34.5 फीसदी रहा और क्लास 9 के लिए 27%, जो स्वीकार्य नहीं है।
डेप्युटी एजुकेशन ऑफिसर के निर्देशानुसार स्कूल के हेड की ओर से फरवरी के महीने में टीचर को कारण बताओ नोटिस दिया गया था। खराब नतीजों पर टीचर ने जो सफाई पेश की थी, वह संतोषजनक नहीं थी। डीओई ने कहा कि टीचर के रवैये को कदाचार माना जाएगा।
लेटर के जरिए टीचर पर आरोप है कि उन्होंने अपने काम के प्रति ईमानदारी और समर्पण का भाव नहीं दिखाया, जो सीसीएस रूल्स 1964 के प्रावधानों के अनुसार अपराध है। इसके बाद आनंद ने एक याचिका दाखिल की और कहा कि बोर्ड परीक्षा में क्लास 10 का रिजल्ट 76.92 पर्सेंट रहा और क्लास 9 में पास पर्सेंटेज 54.34 पर्सेंट रही। लेकिन डीओई का मानना है कि छात्रों का रिजल्ट खराब ही है और इसकी जिम्मेदारी लेने से टीचर पल्ला नहीं झाड़ सकतीं, लिहाजा डीओई ने टीचर की सैलरी कट के आदेश जारी कर दिए, जो एक साल के लिए प्रभावी रहेंगे।
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