दिल्ली से सटे गाजियाबाद में दिल्ली मेरठ-एक्सप्रेस वे पर बैठे किसान, इंजीनियरों को रोकना पड़ा काम

मोदी नगर में मोदीनगर में किसानों ने मुरादाबाद गांव के सामने दिल्ली मेरठ-एक्सप्रेस वे का काम रोक दिया है। शुक्रवार सुबह किसान एक्सप्रेस-वे पर धरने पर बैठ गए हैं। इसके चलते यहां पर इंजीनियरों ने फिलहाल काम रोक दिया है।

नई दिल्ली/गाजियाबाद। तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का धरना प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी रहा। वहीं, दूसरी ओर मोदी नगर में किसानों ने मुरादाबाद गांव के सामने दिल्ली मेरठ-एक्सप्रेस वे का काम रोक दिया। शुक्रवार सुबह से लेकर शाम तक किसान एक्सप्रेस-वे पर धरने पर बैठ रहे। इस दौरान इंजीनियरों को काम रोकना पड़ा। वहीं, इस दौरान पूर्व जिला पंचायत सदस्य सतीश राठी ने कहा कि प्रशासन और एनएचएआई ने किसानों से हर बार झूठ बोला। किसान अपना हक मांग रहे हैं, भीख नहीं। इधर, काम रोकने की जानकारी एनएचएआई के अधिकारियों को मिली तो उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सूचना दी। दोपहर में एसडीएम आदित्य प्रजापति, तहसीलदार उमाकांत तिवारी, सीओ मोदीनगर सुनील कुमार सिंह किसानों के बीच पहुंचे। अधिकारियों ने किसानों की समस्या हल कराने का भरोसा दिया और धरना खत्म करने की अपील की। काफी देर तक चले मान-मनौव्वल के बावजूद किसान मानने को तैयार नहीं हो रहे थे।

उन्होंने साफ कहा कि वे किसी भी कीमत पर धरना खत्म नहीं करेंगे, बल्कि चेतावनी दे दी कि शनिवार को वे मुरादाबाद गांव से लेकर डासना तक का पूरा निर्माण कार्य ठप करेंगे। तब तक काम नहीं होने देंगे, जब तक मुआवजा नहीं मिल जाता। लेकिन, आखिरकार देर शाम जिलाधिकारी व एनएचएआई के अधिकारियों से जल्द वार्ता कराने का भरोसा देने के बाद अधिकारियों को अपने मकसद में कामयाबी मिल गई और किसानों ने मंगलवार तक धरने को स्थगित कर दिया।

इस बारे में मोदीनगर के एसडीएम आदित्य प्रजापति का कहना है कि धरना खत्म करने को लेकर किसान नेताओं के साथ सहमति बन गई है। मंगलवार तक के लिए किसानों ने धरना स्थगित कर दिया है। किसानों की डीएम व एनएचएआई के अधिकारियों से जल्द वार्ता कराई जाएगी।

उधर, किसानों के विरोध को देखते हुए मुरादाबाद गांव के सामने एक्सप्रेस-वे के आसपास जगह-जगह भोजपुर, मोदीनगर, निवाड़ी थाने का पुलिसबल तैनात किया गया था। एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने के रास्ते भी बैरिकेड लगाकर बंद कर दिए गए थे। इसके बावजूद धरने में बड़ी संख्या में किसान हिस्सा लेने पहुंचे थे।

बता दें कि किसानों ने पिछले साल तहसील में दो माह तक धरना दिया था, लेकिन कमिश्नर व विधायक के स्तर से मांग पूरी कराने का आश्वासन मिलने पर धरना खत्म करने के लिए राजी हो गए थे।साभार-दैनिक जागरण

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