झूठी एफआइआर कराने वाले हो जाएं सावधान, देना होगा भारी जुर्माना; जेल भी पड़ सकता है जाना

Ghaziabad Crime News डेढ़ माह के भीतर विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट महेंद्र श्रीवास्तव की अदालत ने दो मामलों में झूठी एफआइआर कराने वाले पर जुर्माना लगाया जबकि एक मामले में जुर्माना लगाने के साथ कैद की सजा भी सुनाई।

गाजियाबाद। झूठी एफआइआर दर्ज कराकर न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने व अदालत का समय बर्बाद करने वाले सावधान हो जाएं। ऐसा करने पर आप पर जुर्माना तो लगेगा ही, इसके साथ ही जेल भी हो सकती है। झूठी एफआइआर दर्ज कराने वालों के खिलाफ अदालत लगातार सख्त रुख अपना रही है। बीते डेढ़ माह के भीतर विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट महेंद्र श्रीवास्तव की अदालत ने दो मामलों में झूठी एफआइआर कराने वाले पर जुर्माना लगाया, जबकि एक मामले में जुर्माना लगाने के साथ कैद की सजा भी सुनाई। अदालत के सख्त रवैये का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर बार फैसला सुनाते हुए अदालत विशेष टिप्पणी करते हुए कहती है कि दोषियों के साथ ऐसे लोगों को भी दंडित किया जाना अत्यंत आवश्यक है जिन्होंने न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया हो।

निजी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कराई जाती है झूठी एफआइआर

विशेष लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स व संजीव बखरवा ने बताया कि निजी उद्देश्यों को पूरा कराने के लिए झूठी एफआइआर कराई जाती है। इस तरह के सभी मामलों में सुनाए गए अदालत के फैसले का सार यही होता है कि एफआइआर कराने वाला या वाली अपने निजी स्वार्थों को पूरा करने के लिए पुलिस और अदालत का समय बर्बाद करते हैं।

इन तीन मामलों में पूर्व में लगाया जा चुका है जुर्माना

मामला-एक

विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट महेंद्र श्रीवास्तव की अदालत ने बेटी से दुष्कर्म की झूठी एफआइआर कराने वाली महिला पर गत 30 जनवरी को 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया था। मामला लोनी थानाक्षेत्र का था। अक्टूबर 2020 में महिला ने बेटी से दुष्कर्म के आरोप में पड़ोसी रजत पर एफआईआर दर्ज कराई थी। सुनवाई के दौरान मामला झूठा पाया गया था जिसके बाद अदालत ने आरोपित रजत को बरी करते हुए एफआइआर दर्ज कराने वाली महिला पर जुर्माना लगाया था।

मामला – एक

गत 12 फरवरी को सुनाए फैसले में अदालत ने बेटी से दुष्कर्म के आरोप में पिता को बरी करते हुए एफआइआर कराने वाले पीड़िता के मामा को एक माह की कैद की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही उस पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया था। मामला मोदीनगर थानाक्षेत्र का वर्ष 2017 का था। मामा ने अपने जीजा से उधार लिए पैसे वापस देने के बचने के लिए प्रेमी के प्यार में पागल भांजी को उसके पिता के खिलाफ ही भड़काकर दुष्कर्म की झूठी एफआइआर कराई थी। इसके कारण बेकसूर होते हुए भी पिता को चार साल जेल में रहना पड़ा था।

मामला-तीन

बहन से दुष्कर्म की झूठी एफआइआर कराने वाले भाई पर विशेष अदालत ने गत 20 फरवरी को 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया था। साथ ही आरोपित को बरी करने के आदेश दिए थे। मामला खोड़ा थानाक्षेत्र का था। चार फरवरी 2020 को खोड़ा में रहने वाले एक युवक ने बहन से दुष्कर्म किए जाने का आरोप लगाते हुए घनश्याम के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी। सुनवाई के दौरान पीड़िता व एफआइआर दर्ज कराने वाला उसका भाई बयान से मुकर गए थे। इसके अलावा आरोपित घनश्याम के खिलाफ पुलिस कोई ठोस साक्ष्य भी पेश नहीं कर पाई थी। इसके चलते अदालत ने शनिवार को आरोपित घनश्याम को बरी करने के आदेश दिए। साथ ही झूठी एफआइआर कराने के लिए पीड़िता के भाई पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया।साभार-दैनिक जागरण

आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

Discussion about this post

  • Trending
  • Comments
  • Latest

Recent News

error: Content is protected !!
Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?