भारत से यात्राओं को चार मई से प्रतिबंधित करेगा अमेरिका, जानें किन और देशों ने लगाया प्रतिबंध

पढ़िए दैनिक जागरण की ये खबर…

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन ने सेंटर्स फार डिसीज कंट्रोल एंड प्रेवेंशन की सलाह पर यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए यह नीति लागू की जा रही है।

वाशिंगटन, एपी। भारत में कोरोना के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी को देखते हुए अमेरिका भारत से आने वाले लोगों पर मंगलवार चार मई से प्रतिबंध लगाएगा। यह जानकारी शुक्रवार को व्हाइट हाउस की ओर से दी गई।व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन ने सेंटर्स फार डिसीज कंट्रोल एंड प्रेवेंशन की सलाह पर यह निर्णय लिया गया।उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों और कई तरह के वायरस के कई वैरिएंट प्रसारित होने की बात को ध्यान में रखते हुए यह नीति लागू की जा रही है। कनाडा, ब्रिटेन, सऊदी अरब, न्यूजीलैंड, कुवैत, ओमान, हांगकांग, सिंगापुर जैसे एक दर्जन देशों ने भारत से आने जाने वाली उड़ानों पर पहले से ही रोक लगा रखी है। इसके अलावा कई देश ऐसे भी हैं जिन्होंने भारत की उड़ानों पर अब तक बैन नहीं लगाया है।

पिछले दिनों  आस्ट्रेलियाई सरकार ने भारत से आने जाने वाली सभी उड़ानों को भी 15 मई, 2021 तक स्थगित करने का फैसला किया है। इससे पहले नीदरलैंड ने कहा है कि वह भारत से आने वाली सभी यात्री उड़ानों को निलंबित कर रहा है।  इस बीच, चीन ने भारत के लिए कार्गो विमानों की सेवाएं भी रद कर दी हैं।

कई देशों में उठ रही मांग

यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका के कई देशों में भारत से उड़ानों की आवाजाही पर रोक लगाने की मांग की जा रही है। भारत में कोरोना प्रभावित लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केन्या, दक्षिण अफ्रीका, फिलीफींस समेत कई देशों में भारत से उड़ानों को रोकने की मांग की जा रही है। ऐसे में आने वाले वक्त में कई अन्य देश ये कदम उठा सकते हैं।

भारतीय राजदूत ने अमेरिका के कारोबारी समुदाय से की बात

अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधु ने भारत में कोरोना वायरस महामारी की मौजूदा स्थिति को लेकर अमेरिका के कारोबारी समुदाय से बातचीत की है। इस वर्चुअल बैठक का आयोजन यूएस चैंबर आफ कामर्स की ओर से किया गया था। संधु ने ट्वीट कर भारत की मदद के लिए तेजी से कदम उठाने पर अमेरिकी व्यवसायियों को धन्यवाद दिया।

इसके अलावा भारतीय राजदूत ने फाइजर के सीईओ अलबर्ट बोरिया से भी मुलाकात की है। दोनों अधिकारियों ने इस बात पर चर्चा की कि दवा निर्माता कंपनी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में किस तरह भारत की मदद कर सकती है। फाइजर ने कोराना का टीका भी बनाया है। माडर्ना और फाइजर-बायोएनटेक के टीके उन शुरुआती दो टीकों में शामिल हैं, जिन्हें अमेरिका में आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। अब तक लाखों अमेरिकियों को ये टीके लगाए जा चुके हैं। साभार-दैनिक जागरण

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