उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में जिला काजी हजरत शेख अब्दुल हमीद मुहम्मद सालिमुल कादरी का इंतकाल हो गया। इसके बाद उनके जनाजे में 15-20 हजार लोग उमड़ पड़े। कोविड प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। कई लोग बिना मास्क के भी थे। हर कोई जनाजे को कंधा देना चाह रहा था। इस दौरान पुलिस भी बेबस नजर आई। सोमवार रात इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।
जीते जी खुद नियमों के पालन की देते थे सीख
कादरी साहब का मुसलमानों के साथ-साथ हिंदू भी सम्मान करते थे। उन्होंने कई मसलों पर सरकार का साथ दिया। चाहे वह नागरिकता संशोधन कानून का मसला रहा हो या कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन की बात। लोगों को नियम-कानून का पालन करने के लिए हमेशा कहते रहे।
उनके निधन की सूचना मिलते ही लोगों का जमावड़ा लगने लगा। कोरोना से बेखौफ लोगों ने सारे नियम ताक पर रख दिए। पुलिस भी बेबस नजर आई। लोग जनाजे को कंधा देने के लिए बेताब दिखे।
फजीहत हुई तो एक्शन में आई पुलिस
वीडियो वायरल होने पर बदायूं पुलिस की फजीहत होने लगी। इससे बचने के लिए महामारी अधिनियम की धाराओं-188, 269 और 270 के तहत मामला दर्ज किया है। यह मामला सदर कोतवाली पुलिस ने दर्ज किया। SSP बदायूं संकल्प शर्मा ने SP सिटी प्रवीण सिंह चौहान को जांच सौंपी है।
क्यों उमड़ी भीड़?
पुलिस ने देहात से आने वालों को नहीं रोका। इसलिए भीड़ पहुंच गई और न ही किसी पुलिस के अधिकारी ने उनके परिवार या किसी और को समझाने की कोशिश की। पुलिस-प्रशासन कोविड नियमों का पालन कराने में असमर्थ दिखाई दिया। सरकार ने अंतिम संस्कार में सिर्फ 20 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी है।साभार-दैनिक भास्कर
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