दिल्ली में सरोजनी नगर की एक्सपोर्ट मार्केट अगले आदेश तक के लिए बंद, कोविड नियमों के उल्लंघन का आरोप

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कोरोना नियमों के उल्लंघन के कारण सरोजनी नगर मार्केट स्थित एक्सपोर्ट मार्केट को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। इस मार्केट में करीब 200 दुकानें हैं। सोमवार को दुकानदारों व उनके प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग के बाद इस पर आगे कोई निर्णय लिया जाएगा।

 नई दिल्ली। कोरोना नियमों के उल्लंघन के कारण सरोजनी नगर मार्केट स्थित एक्सपोर्ट मार्केट को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। इस मार्केट में करीब 200 दुकानें हैं। एसडीएम वसंत विहार अंकुर मेश्राम के नेतृत्व में टीम ने मार्केट का निरीक्षण किया था, जहां कोरोना के दिशानिर्देशों का उल्लंघन पाया गया था। जिला प्रशासन की ओर से दुकानदारों व मार्केट एसोसिएशन को दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था, लेकिन कोई सुधार न होने पर शनिवार को इसे बंद करवा दिया गया।

सोमवार को दुकानदारों व उनके प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग के बाद इस पर आगे कोई निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले भी दक्षिणी दिल्ली में लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट, मदनगीर मार्केट व गढ़ी मार्केट आदि पर कार्रवाई करते हुए उन्हें बंद कराया जा चुका है।

बाजारों में लापरवाही बढ़ी, घटी मास्क-सैनिटाइजर की मांग

दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले काफी कम हुए हैं तो बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर लापरवाही की तस्वीरें आम हो गई हैं। यह लापरवाही मात्र सड़कों तक पर ही नहीं, बल्कि बचाव के इंतजामों को लेकर भी है। लोग मास्क व सैनिटाइजर का इस्तेमाल कम करने लगे हैं। इसके चलते इनकी मांग में 80 से 90 फीसद की गिरावट आई है। यह स्थिति तब है, जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की ओर से कुछ माह में ही अगली लहर का अंदेशा जताया जा रहा है। अप्रैल और मई में मास्क व सैनिटाइजर की मांग चरम पर थी तो अब न्यूनतम पर है।

मुस्तफाबाद में मास्क का थोक उत्पादन और बिक्री करने वाले शब्बीर हुसैन ने बताया कि मास्क की बिक्री 95 फीसद तक कम हो गई है। एक समय स्थिति यह थी कि उन्होंने कुछ दिन तो एक लाख प्रतिदिन के हिसाब से मास्क बेचे। अब यह मांग प्रतिदिन दहाई के अंकों में भी नहीं है। इसलिए उन्होंने मास्क बनाने का काम फिलहाल बंद कर दिया है। वह इस पेशे में तीन साल से हैं। पहले वायु प्रदूषण से बचने के लिए मास्क बनाते थे। फिर कोरोना काल में टिपल लेयर सर्जिकल मास्क व कपड़े का मास्क बनाने लगे। वह कहते हैं कि ऐसे लोगों को वह जानते हैं, जिनके पास लाखों मास्क का स्टाक पड़ा है।

एसएवी इंटरनेशनल के मालिक ऐश्वर्य साद का लाजपत नगर में कार्यालय है। वह कहते हैं कि खुदरा दुकानों से मांग काफी कम हो गई है। केवल सरकारी व निजी कार्यालयों के लिए इसकी मांग बरकरार है। यही स्थिति सैनिटाइजर के लिए भी है। दिल्ली में अधिकतर लोग मास्क इसलिए पहन रहे हैं कि उनका चालान न हो जाए। हालांकि, मास्क के दाम काफी नीचे आ गए हैं। सर्जिकल मास्क डेढ़ रुपये तो एन-95 मास्क पांच रुपये तथा प्रमाणित एन-95 मास्क 12 रुपये में एक बिक रहा है, जबकि इनके दाम पहले 100 से 200 रुपये के बीच थे। पुरानी दिल्ली के सीताराम बाजार में सैनिटाइजर का थोक कारोबार करने वाले डीके एसोसिएट्स के संचालक मोहित भार्गव बताते हैं कि पहले जहां हर हफ्ते एक से दो हजार लीटर सैनिटाइजर की खपत थी, वह अब घटकर महज 10 लीटर प्रति सप्ताह से भी कम पर आ गई है। साभार-दैनिक जागरण

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