UP विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा निर्वाचन आयोग, कोरोना के कारण 1200 वोटर पर बनेगा एक बूथ

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UP Assembly Election 2022 भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए आयोग ने कम मतदाताओं की संख्या वाले छोटे पोलिंग बूथ बनाने के निर्देश दिए हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। UP Assembly Election 2022: भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए आयोग ने कम मतदाताओं की संख्या वाले छोटे पोलिंग बूथ बनाने के निर्देश दिए हैं। अब अधिकतम 1200 मतदाताओं की संख्या पर एक पोलिंग बूथ बनाया जाएगा। 30 सितंबर तक पोलिंग बूथ और पोलिंग सेंटर बन जाएंगे। इसके बाद मतदाता सूची में नाम जोड़ने और काटने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।

भारत निर्वाचन आयोग ने दिल्ली में पिछले दिनों उन पांच राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक की थी जहां 2022 में चुनाव होने हैं। इसी के बाद उत्तर प्रदेश में भी चुनाव तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। वर्तमान में 1.63 लाख से अधिक पोलिंग बूथ हैं। 1200 मतदाताओं पर एक पोलिंग बूथ बनाने से प्रदेश में करीब 24 से 25 हजार पोलिंग बूथ बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। एक पोलिंग सेंटर पर यदि ज्यादा बूथ हैं तो उन्हें भी दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग की कोशिश है कि किसी भी पोलिंग सेंटर पर बहुत अधिक बूथ न बनाए जाएं। इससे पोलिंग सेंटर की संख्या भी बढ़ जाएगी। अभी 91572 पोलिंग सेंटर हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों को कोविड प्रोटोकाल के तहत छोटे पोलिंग बूथ बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पोलिंग स्टेशन नए सिरे से सुव्यवस्थित करने के लिए कहा है। विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान की तारीख चुनाव आयोग तय करेगा।

पोलिंग बूथ व सेंटर बनाने में इन बातों का ध्यान : निर्वाचन आयोग नए पोलिंग बूथ व पोलिंग सेंटर बनाने में इस बात का भी ध्यान रखेगा कि मतदाताओं को वोट देने के लिए दो किलोमीटर से अधिक दूर न जाना पड़े। साथ ही पोलिंग सेंटर पर पेयजल, शौचालय, रैंप, बिजली आदि न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता का ख्याल रखा जाएगा। बूथ व सेंटर बनने के बाद मतदाता पुनरीक्षण अभियान चलाया जाएगा। इसमें एक जनवरी 2022 को जिनकी उम्र 18 वर्ष या इससे अधिक हो जाएगी उनका नाम मतदाता सूची में जोड़ा जाएगा।

14 मई तक है यूपी विधानसभा का कार्यकाल : उत्तर प्रदेश विधानसभा की पहली बैठक 15 मई 2017 को हुई थी, इसलिए इसका कार्यकाल 14 मई 2022 तक है। उत्तर प्रदेश के साथ जिन चार राज्यों का चुनाव 2017 में हुआ था उनमें गोवा का कार्यकाल 15 मार्च, मणिपुर का 19 मार्च, उत्तराखंड का 23 मार्च व पंजाब का 27 मार्च को खत्म होगा। यदि इस बार भी पांचों राज्यों के चुनाव साथ हुए तो फरवरी व मार्च में मतदान हो जाएंगे।

सात रिक्त सीटों पर अब नहीं होंगे उपचुनाव : इस समय विधानसभा की सात सीटें रिक्त हैं। अब इनमें उपचुनाव नहीं होंगे। औरैया सीट रमेश चन्द्र दिवाकर, लखनऊ पश्चिम सीट सुरेश कुमार श्रीवास्तव, नवाबगंज (बरेली) सीट केसर सिंह, सलोन (रायबरेली) सीट दल बहादुर, चरथावल (मुजफ्फरनगर) सीट विजय कुमार कश्यप व अमापुर (कासगंज) सीट देवेन्द्र प्रताप सिंह के निधन हो जाने के कारण रिक्त हुई हैं। ये सीटें इसी साल अप्रैल व मई में रिक्त घोषित की गईं हैं। सातवीं सीट रामपुर की स्वार विधानसभा है, जो सपा नेता आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम की सदस्यता रद होने के कारण खाली हुई है। यह सीट 16 दिसंबर 2019 को रिक्त हुई थी। मामला कोर्ट में चलने के कारण अब तक यहां उपचुनाव नहीं हो सका है।

वर्ष 2017 में सात चरणों में हुआ था चुनाव : उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 के चुनाव की घोषणा चार जनवरी 2017 को हुई थी। सात चरणों में चुनाव हुआ था। पहले चरण की अधिसूचना 17 जनवरी को व सातवें चरण की अधिसूचना 11 फरवरी को जारी हुई थी। मतदान 11 फरवरी, 15 फरवरी, 19 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, चार मार्च व आठ मार्च को हुआ था। मतगणना 13 मार्च को हुई थी।साभार-दैनिक जागरण

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