कुंभ मेले में फर्जी कोरोना टेस्ट मामले में हिसार के नलवा लैब पर ईडी का छापा, कार्रवाई से हड़कंप

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हिसार की नलवा लैब पर ईडी की कार्रवाई जारी है। सुबह 7 बजे चंडीगढ़ और दिल्ली से टीमें लैब पर पहुंचीं। पौने दो बजे डॉ. जेपीएस नलवा के बेटे को लेकर पुलिस की टीम पहुंची। ईडी की टीम में 18 अधिकारी शामिल हैं।

हिसार, जेएनएन। विवादों में घिरी हिसार आइएमए प्रधान डॉ. जेपीएस नलवा की लैब पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) का छापा पड़ा है। इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है  कल सुबह 7 बजे से नलवा लैब पर ईडी की छापे की कार्रवाई शुरू हुई। दिल्ली और चंडीगढ़ से ईडी टीम ने लैब पर कार्रवाई की है। अभी इस संबंध में टीम की ओर से कोई विस्तृत जानकारी नहीं मिली है। य‍ह कार्रवाई आज भी जारी रहने की सूचना है।

सूत्रों के अनुसार, ईडी की कार्रवाई अब भी जारी है। ईडी की टीम में दिल्ली और चंडीगढ़ से 18 अधिकारी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस सुबह 5 बजे ही नलवा लैब पहुंच गई थी। लैब में हिसार आइएमए प्रधान डॉ. जेपीएस नलवा के बेटे नहीं मिले। दोपहर करीब पौने दो बजे पुलिस डॉ. नलवा के बेटे को लेकर पहुंची। दैनिक जागरण ने इस संबंध में डॉ. जेपीएस नलवा से बात करने का प्रयास किया। मगर, उनका फोन नहीं उठा।

सूत्रों के अनुसार, लैब में डॉ. जेपीएस नलवा और उनके पुत्र मौजूद हैं। ईडी टीम में शामिल अधिकारी बारी-बारी से उनसे पूछताछ कर रहे हैं। दोनों से कई सवाल किए गए। हालांकि रेड किस संबंध में की गई, यह अभी स्पष्ट नहीं है। लैब में सुबह से ही न ही कोई अंदर गया है, न ही कोई बाहर आया है। टीम ने लैब में मौजूद दस्तावेज भी खंगाले। 3-4 पुलिसकर्मी लैब के बाहर तैनात रहे। चंडीगढ़ पुलिस भी ईडी टीम के साथ आई है। टीम ने डॉ. नलवा और उनके बेटे के फोन स्विच ऑफ करवा दिए हैं।

कुंभ मेले में फर्जी टेस्ट के मामले में भी आ चुका है नाम

हिसार से कुंभ मेले तक कोरोना की फर्जी जांच का मामला पिछले दिनों सामने आया था। कुंभ मेले में सबसे ज्यादा फर्जी टेस्ट करने के आरोप हिसार की नलवा लैब और लालचंदानी लैब पर है। ये दोनों लैब मैक्स कॉर्पोरेट फर्म के एमओयू पर कोरोना टेस्ट कर रही थीं। कुंभ मेले में कोरोना टेस्ट के लिए मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेज फर्म ने टेंडर लिया था। इस फर्म ने कोरोना टेस्ट के लिए हिसार की नलवा लैब और दिल्ली की लालचंदानी लैब के साथ एमओयू साइन किया था। प्रति रैपिड टेस्ट के लिए 354 रुपये व आरटीपीसीआर के लिए 500 रुपये का रेट फिक्स था।

ऐसे हुआ था मामले का खुलासा

कुंभ मेले में 9 एजेंसियां और 22 लैब कोरोना टेस्ट कर रही थीं। एक माह चले कुंभ मेले में करीब 4 लाख टेस्ट किए गए थे। इनमें से करीब 1.25 लाख टेस्ट मैक्स कॉरपोरेशन कॉर्पोरेट सर्विसेज के तहत नालवा लैब व लालचंदानी लैब में किए गए। इनमें से करीब 1 लाख टेस्ट फर्जी होने की आशंका प्रारंभिक जांच में सामने आई है। राजस्थान के छात्रों और डाटा एंट्री ऑप्रेटरों को सैंपल क्लेक्टर दिखाया गया जो कभी कुंभ मेले में गए ही नहीं। साभार- दैनिक जागरण

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