औद्योगिक क्षेत्र होंगे विकसित, जग रहीं रोजगार की उम्मीदें

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गाजियाबाद। अगले कुछ महीने गाजियाबाद में उद्योग और रोजगार के लिए काफी अहम रोल अदा करेंगे। दिल्ली से गाजियाबाद का रुख करने वाले उद्यमियों के लिए प्रशासन के साथ मिलकर जिला उद्योग केंद्र जमीन तलाश रहा हैं, जिसमें काफी हद तक कामयाबी मिल चुकी है। यहां उद्योग स्थापित होने पर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार की उम्मीद बंधी है।

दिल्ली व हरियाणा से औद्योगिक इकाइयां गाजियाबाद आने को आतुर हैं। इनके लिए भूमि उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन के साथ मिलकर जिला उद्योग केंद्र प्रयास में जुटा है। हाल ही में दिल्ली की करीब 500 रेडीमेड कपड़ा, डाई व अंडर गारमेंट कंपनियों ने यहां स्थापित होने की इच्छा जताई थी। इनमें से तीन उद्यमियों ने मोदीनगर क्षेत्र में किसानों से भूमि खरीदकर उसे औद्योगिक भू उपयोग में दर्ज कराई है। जल्द ही निर्माण कार्य आरंभ होगा। इनसे करीब पांच हजार स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया होंगे।

मोदीनगर क्षेत्र में 42 हेक्टेयर मिली सरकारी भूमि मोदीनगर क्षेत्र के निवाड़ी देहात में क्षेत्र में सात खसरा नंबर की 21.994 हेक्टेयर बंजर भूमि के अलावा इसी क्षेत्र के सैदपुर हुसैन डीलना में छह खसरा नंबर की 20.4926 हेक्टेयर यानी कुल 13 खसरे की 42.4866 हेक्टेयर सरकारी भूमि मिली है, जिस पर औद्योगिक इकाइयां विकसित करने की योजना है। इकाइयां स्थापित होने से करीब 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

फ्लैटेड फैक्ट्रियां विकसित करने की योजना बुलंदशहर औद्योगिक क्षेत्र में फ्लैटेड फैक्ट्रियां स्थापित करने की योजना है। फ्लैटेड फैक्ट्री की संकल्पना विदेशी है। इसके तहत फ्लैटनुमा बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जाता है। इमारत के हर फ्लोर पर काम के हिसाब से स्ट्रक्चर तैयार किया जाता है, जैसे जूता सिलाई, रेडीमेड गारमेंट, इलेक्ट्रानिक-इलेक्ट्रानिक्स कंपोनेंट, हैंडीक्राफ्ट, फैशन डिजाइन, आइटी सेक्टर से जुड़े केपीओ, बीपीओ, साफ्टवेयर डेवलपमेंट, डिजाइनिग, असेंबलिग की छोटी फैक्ट्रियां आदि। खास बात यह है कि फ्लैटेड फैक्ट्रियों में काम से जुड़े जरूरी संसाधन पहले से ही मौजूद होते हैं।

बाहर की इकाइयों ने गाजियाबाद में इकाइयां स्थापित करने की योजना बनाई है। औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंड उपलब्ध न होने की वजह से निजी भूमि खरीद रहे हैं। इन पर जल्द निर्माण शुरू होगा। अगले वर्ष तीन से चार हजार स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, जिनमें 80 फीसदी महिलाओं की प्राथमिकता रहेगी।

– वीरेंद्र कुमार बजाज, उद्यमी

इसी वर्ष औद्योगिक भूखंड उपलब्ध कराने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। सदर तहसील के अलावा मोदीनगर तहसील क्षेत्र में 42 हेक्टेयर से अधिक भूमि की तलाश पूरी हुई है, जिसके लिए संबंधित विभाग और उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को लिखा गया है। वहीं, फ्लैटेड फैक्ट्री योजना के तहत भी रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे।

– बीरेंद्र कुमार, संयुक्त आयुक्त उद्योग

साभार-दैनिक जागरण

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